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मास्क कथा Mask

  आज हम मास्क की चर्चा करेंगे मितुल..           ¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤           😷 अथ मास्क कथा 😷           ¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤ मास्क शब्द की उत्पत्ति फ्रेंच के मास्क्यू, इतालवी के मास्करा, लैटिन के मस्का से है जो अरबी के मसखरा से प्रभावित है...... इधर अपने देशज संदर्भ में अगर देखे तो मास्क का अर्थ होता है मुखौटा... अर्थात मुख को ओट में ले जाना... तुम्हें पता ही है मितुल "छऊ" एक नृत्य है जो बंगाल, ओडिशा और बिहार में प्रचलित है.. ओडिया भाषा में ‘छऊ’ शब्द मुखौटे का पर्याय है जिसका अर्थ करते हुए शशधर आचार्य कहते हैं कि छ का मतलब है छाना और उ का मतलब है उपांग यानि किसी अंग को छा लेना. मुखौटा वहीं जो मुख पर छा जाए.... मोटे तौर पर मास्क की दो श्रेणियाँ की जा सकती हैं :- 1 ) चिकित्सीय विज्ञान के संदर्भ में 2 ) श्रव्य दृश्य माध्यमों यथा नृत्य, नाटक आदि के संदर्भ में इस पहली किस्त में हम चिकित्सा से जुडे मास्क के बारे में कुछ जानकारी लेंगे मितुल...              ¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤               चिकित्सा विज्ञान और मास्क              ¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤¤ चिकित्सा शास्त्र में मास्क प्रयोग का इतिहास
1980...मैं और बलवंत तक्षक...दोनों दो साइकिल पर सवार अलवर के समस्‍त साहित्‍यकारों/बुद्धिजीवियों के पास दौडते थे,,,नवनिर्मित संस्‍था पलाश के किसी भी आयोजन के दौरान..प्रयास सफल होता गया....अलवर में साहित्यिक और नाट्य गतिविधियां बढने लगी....एक संस्‍था से दो..दो से तीन....1987 के अंतिम माह में मैंने अलवर छोडा...तब तक ईशमधु भी अलवर छोड चुके थे...संभवतया अशोक राही भी...अलवर के 'अरानाद' और 'अरूणप्रभा' अखबार ने कई संभावनाशील पत्रकारों को जन्‍म दिया...अशोक शास्‍त्री,ईशमधु तलवार,जगदीश शर्मा,बलवंत तक्षक,अशोक राही,सुनील बिज्‍जू,हरप्रकाश मुंजाल,राजेश रवि,कपिल भट्ट इत्‍यादि.....7 दिसंबर को लगभग 20 साल बाद बलवंत के साथ था चंडीगढ में...वह अब दैनिक 'आज समाज' में चीफ एशोसियेट एडीटर है....जनसत्‍ता और दैनिक भास्‍कर के अपने लम्‍बे अनुभव को साथ लेकर...उन दिनों के फाकाकश समय की मेहनत ने ही उसे इस मुकाम पर पंहुचाया...मैं गर्वित महसूस कर रहा था......